Saturday, February 20, 2010

चाय के साथ सिगरेट पीने वालों के लिए सन्देश

अब जरा मिजाज़ हल्का किया जाए ..
बहुत हुआ मरने मारने की बात शायद आपको इल्म हो एक नया बलोग " उम्मीद " जो राजवंत दीदी ने शुरू किया है ने मेरे पिछले पोस्ट पर एक टिपण्णी दिया था की भाई ज़िन्दगी की बात करो ...तो चलिए ज़िन्दगी की बात करते है .
सिगरेट पीना स्वस्थ के लिए हानिकारक है ये बात किसे नहीं पता ...मगर मानता कौन है .आप ऐसा बिलकुल मत समझियेगा की मै कोई नसीहत देने वाला हूँ ..सिगरेट के डब्बे पर कोई कुछ भी लिख दे या बिच्छु बना दे तो लोग थोड़े मानने वाले हें.मै भी नहीं मानता आप भी मत मानो.

बस इसी मन्त्र के साथ दोस्तों ने आज चाय के साथ सिगरेट पिने की इच्छा जताई .ऑफिस के कामों को लटका कर हम तीनो निकल पड़े चाय की दुकान के तरफ .इतफाक कह लीजिये या हमारी किस्मत ,चाय की दुकान जहाँ भीड़ रहा करती थी बिलकुल खाली था..ख़ाली दुकान में मनचाहे स्थान पर बैठ कर चाय पिने का आनंद अलग है और यदि साथ साथ सिगरेट पीना हो तो खतरा भी कम..नहीं तो जाने कौन सा दुश्मन आपके घर ये खबर पहुंचा दे की आपके साहबजादे सिगरेट पिने लगें हें.चाय का आर्डर दिया चाय हाज़िर ..अब सिगरेट मंगवाना था आसन यही था की चाय वाले को हीं कहा जाए की सिगरेट ला दे .एक दस का नोट दिया दो सिगरेट मंगवाया ..यहाँ तक सब ठीक ठाक था मगर सुदामा (वही चाय वाला) जाने क्या बडबडाते हुए हमलोंगों के पास आया सिगरेट टेबल पर रखा और तीन रूपया वापस कर अपने चूल्हे के तरफ बढ़ गया ...उसकी बडबडाते रहने की पुरानी आदत है मुझे ये मालुम है..मैंने बड़े प्यार से पूछा .क्या बात है कुछ कहना चाहते हो तो कह दो ..मन हीं मन क्यों कुढ़ रहे हो..

नहीं साहब बात ऐसा कुछ नहीं है की चिंता की जाए मगर आप पूछ रहे है तो बतलाये देते हें..

साहब जी आज दस से ज्यादा बर्ष हो गए यहाँ चाय बेचते हुए मुझे यही लगता था की मेरी तीन रूपए की चाय हीं सबसे महंगी चीज है ..मगर साहब सिगरेट तो साढ़े तीन रुपये का एक मिलने लगा है ..हम तो दूध.चीनी,चायपत्ती,पानी मिला कर तीन रूपया में एक कप चाय देते है मगर ई सिगरेट की भी किस्मत देखिये ससुरा तम्बाकू है कागज़ में लपेट कर साढ़े तीन में बिकने लगा है ...और साहब आप लोग भी बड़े शोख से पीते हें चाय को भी और इस सिगरेट को भी कभी कभी शिकायत भी लगा देते हें की आज चाय अच्छा नहीं बना है मगर सिगरेट तो साफ साफ ज़हर है पर उसकी कहीं शिकायत भी नहीं होती ..यही सब सोंच रहा था साहब ..चलिए जाने दीजिये ...हमरा तीन रुपैया का चाय का क्या औकात जो सिगरेट से कुश्ती करे.ऐसे भी चाय ,सिगरेट ये सब चीजें नवाबों की पहचान है नहीं तो गरीबों को दो जून रोटी मिल जाए वही बहुत बड़ी बात है चाय,सिगरेट कौन पूछता है ..सुदामा बस बोलते चला जा रहा था और हम सुनते इसी बिच कभी टेबल पोछता कभी गिलास धोने लगता ..मगर उसके मन के उथल पुथल साफ़ थी..मै अच्छी तरह जानता था की सुदामा जो कहना चाहता है वो कह नहीं रहा है और जो कह रहा है उससे वो संतुस्ट नहीं ...मैंने इतना हीं कहा सुदामा तुम कहना क्या चाहते हो?

नहीं साहब मै क्या कहूँगा बस यू हीं अपने उपर हंसी आ रही है मै सोंचता था की मै चालक हूँ ,दूध में पानी मिला मिला कर चाय बेच कर मकान बना लूँगा मगर कहाँ बना पाया पर साहब ई सिगरेट की जितनी भी कंपनी है न वो तो सुदामा से भी चालक निकली सबकी चाँदी है ...मगर एक बात तो है साहब मै किसी के साथ खिलवाड़ तो नहीं करता चाय हीं पिलाता हूँ न पर ई सिगरेट तो जीवन बर्बाद कर रही है.मै आपको सिगरेट पीने से मना नहीं करूँगा मगर इतना तो ज़रूर कहूँगा की सिगरेट जब भी पीजिएगा तो मेरे यहाँ एक कप चाय जरुर पीजिएगा काहे की मेरा घर इसी से चलता है.

अंत तक सुदामा यूं हीं बडबडाता रहा मगर हम दोस्तों को ना कहते हुए भी एक बात बतला गया ....
आप भी समझ गए होंगे सुदामा क्या कहना चाहता था.

ये हुई ज़िन्दगी की बात ....क्यों हुई ना

--अरशद अली--

3 comments:

rashmi ravija said...

ओह्ह बहुत बड़ी बात कह दी,इन सीधे साधे शब्दों में....अब तो सुदामा की बात पर ध्यान दो....ये फेफड़े जलाने का क्या फायदा...किसी के घर का चूल्हा जलाने की ही सोच...समय काटने को सिगरेट की जगह चाय को ही तरजीह दिया करो ,अब

Urmi said...

आपने बिल्कुल सही फ़रमाया है! सिगरेट पीना हानिकारक है ये सभी जानते हैं इसके बावजूद भी लोग इस बुरी आदत को छोड़ नहीं पाते हैं! नशा ऐसी चीज़ है जो एक बार लग जाए तो उससे बाहर आना मुश्किल है पर नामुमकिन नहीं! अगर कोई अपने सेहत के बारे में ध्यान दे और साथ ही साथ ये भी सोचे की इस तरह से पैसे बर्बाद करने के बजाय उस पैसो को किसी अच्छे काम में लगाया जाए तो कितना सही रहेगा ! बहुत ही बढ़िया सन्देश देते हुई उम्दा पोस्ट!

Unknown said...

बहुत ही खूबसूरत कहानी बतलायी आपने। कभी-कभी कोई छोटी सी बात बड़ा काम कर जाती है। आप शब्दनगरी पर भी ऐसी रचनाएं लिख सकते हैं। वहां पर भी तलब ऐसी की फ्लाइट में चुपके से फूंक ली सिगरेट , उसके बाद जो हुआ जैसे लेख पढ़ व् लिख सकते हैं।